अध्यात्मिक विकास क्या है? अध्यात्मिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपनी आध्यात्मिकता के प्रति जागरूक हो जाता है अपने जीवन के अर्थ को समझने लगता है | इस प्रकार का विकास किसी व्यक्ति के जीवन भर होने वाले विकास में चरणों से बिल्कुल अलग होता है, जैसे की हम गाड़ी चलाना सीखते हैं | अध्यात्मिक विकास किसी भी उम्र में हम कर सकते हैं और यह आमतौर पर हमें तब करना चाहिए जब हमने जीवन के बारे में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त कर लिया हो और हम जीवन के अस्तित्व के बारे जो हमारे अंदर प्रश्न उठते हैं उसपर हमने विचार करना शुरू कर दिया हो |
आध्यात्मिक विकास क्या है,अध्यात्मिक विकास स्वयं के साथ और दूसरों के साथ एक गहरे अध्यात्मिक संबंध का विकास है | इसे हम ध्यान, योग और प्रार्थना जैसे विभिन्न माध्यमों से प्राप्त कर सकते हैं | आत्मिक विकास एक अजीवन प्रक्रिया है इससे हम अपने शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को कई लाभ पहुंचा सकते हैं |
आध्यात्मिक विकास क्या है, अध्यात्मिक विकास एक व्यापक शब्द है जिसमें कई अलग-अलग अवधारणा शामिल है | यह आध्यात्मिकता की भावना विकसित करने की प्रक्रिया है, या हम यह कह सकते हैं के अपने से किसी बड़ी चीज के साथ संबंध बनाने की प्रक्रिया है | इसमें हम ईश्वर के साथ संबंध विकसित करना, या ईश्वर के बारे में विचार कर सकते हैं, साथ ही यह समझ विकसित करना कि हम क्या हैं और हमारा इस दुनिया में होने का क्या अर्थ है | अध्यात्मिक विकास के लिए प्रार्थना और ध्यान के साथ साथ हम समाज में कुछ अच्छे काम और दूसरों की मदद भी कर सकते हैं | इससे हमारे अध्यात्मिक विकास में काफी मदद मिलती है |
अध्यात्मिक विकास एक ऐसी आजीवन यात्रा है जिसके लिए हमें सचेत रहकर प्रयास करने की जरूरत होती है | यह खुले दिल से जीना सीखने और खुद के प्रति सच्चे होने का साहस रखने की प्रक्रिया है | अध्यात्मिक विकास केवल धार्मिक प्रथाओं की गतियां के माध्यम से जाने से कहीं ज्यादा अधिक हैं : इसको हम आतम-खोज और अपने आप को अच्छी तरह से जान सकते हैं |
बौद्ध धर्म में, अध्यात्मिक विकास को व्यक्ति द्वारा ध्यान या अध्ययन के माध्यम से विकसित होने के रूप में माना जाता है | कुछ अन्य विषयों के धर्मों से विपरीत है जिसमें अध्यात्मिकता को विकसित करना किसी व्यक्ति की धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा माना जाता है | बौद्ध धर्म के कई स्कूलों में, आध्यात्मिक विकास को चेतना के विकास के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं के साथ-साथ अभ्यास और अनुभवों के माध्यम से भी परीलक्षित होता है | दुनिया के पहले धर्म के रूप में, बौद्ध धर्म के रूप में वर्णित किया जाता है | और अध्यात्मिक विकास को पहले विकास के रूप में वर्णित किया गया है |
आत्मिक विकास का उद्देश्य स्वयं, दूसरों और दुनिया के संबंध में रहने की क्षमता विकसित करता है | इसमें हमें आत्म जागरूकता, दूसरों की समझ और उस दुनिया की सराहना शामिल है जिसमें कोई रहता है |
अध्यात्मिक विकास एक ऐसी ध्यान की प्रक्रिया है, जितना हम ध्यान बढ़ाते जाएंगे उतना ही ज्यादा हमारा आध्यात्मिक विकास होता चला जाएगा | जितना हमारा आध्यात्मिक विकास ज्यादा होता जाएगा उतनी ही जल्दी हम परमात्मा के निकट होते चले जाएंगे | दुनिया में ऐसे कई धर्म है जो अध्यात्मिक विकास को ईश्वर तक पहुंचने की सीढ़ी मानते हैं |
चलो दोस्तों हम भी अपना आध्यात्मिक विकास करते हैं, ज्यादा से ज्यादा समय अभ्यास में लगाते हैं, जितना हम ज्यादा अभ्यास करेंगे इतना ज्यादा आध्यात्मिक विकास होगा |
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